१..वो जो कहते हें मुनासिब हें उनका कहना
पहले झांको गिरबान में फिर बात करो
२..तुमको देखा हें तो महसूस किया हें मैंने
बात फूलों की तो खुशबु की भी होती हें
३..बस्तियां उजड़ रही थी और वो देख रहे थे
पानी न आँखों में कलेजे में गम न था
४..ये इश्क न होता जो कभी यार न होता
न प्यार ही होता न ऐतबार ही होता
५..आप तो रात सो लिए साहिब
हमने तकिये भिगो लिए साहिब
इंतखाब आलम
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