Friday, November 5, 2010

बराक आओ ओबामा

अमेरिका के राष्टपति बराक हुसैन ओबामा 6 नवंबर को भारत आ रहे हैं। पूरे देश में उत्सुकता का माहौल है। हो भी क्यों न विश्व के सबसे मजबूत देश के प्रतिनिधि हैं ओबामा...भारत के साथ मिलकर अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। पिछले साल ही अमेरिका की मंदी ने समूचे विश्व में हलचल पैदा कर दी थी। लाखों लोगों को अपना रोजगार खोना पडा़ था। इसका असर हमारे देश पर में भी पड़ा,यहां भी कई लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ीं।
       मैं बराक ओबामा को विश्व का सबसे बेहतरीन नेता मानता हूं। केवल उनके भाषण ही नहीं बल्कि उनके व्यक्तित्व से भी प्रभावित हूं। अमेरिका जैसे नस्लवादी देश में एक काले का सर्वोच्च पद पर पहुंचना आसमान छूने जैसा है। उनके राजकाज में कम से कम अमेरिका अन्य देशों पर अपनी धौंस तो नहीं जमाता। दक्षिण एशियाई नीति को लेकर भी उनकी तारीफ की जानी चाहिए। उन्होने न केवल भारत को उभरती महाशक्ति के तौर पर स्वीकार किया बल्कि ये भी माना कि भारत जैसे देश में यौग्य लोगों की भरमार है। और इसी को लेकर वे भारत से कई मुद्दों पर बातचीत को लेकर उत्सुक हैं।
       गांधी जी की विचारधारा से प्रभावित ओबामा अपने चार दिवसीय दौरे पर बापू को श्रद्धांजलि देगें। शान्ति के लिए नोबेल पा चुके ओबामा भारतीय दौरे को लेकर काफी उत्सुक दिखलाई पड़ते हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि ओबामा भारत की अर्थव्यवस्था को मजबुत करने को लेकर कडे़ कदम उठा सकते हैं। उनका साफ कहना है कि मैं एशिया में अपने देश के हितों के मामले में केवल भारत को ही सबसे मजबूत आधार मानता हूं,मैं मानता हूं कि भारत आने वाले समय में विश्व की आर्थिक महाशक्ति के रुप में सामने आने वाला है।
       नि:संदेह हमें बराक ओबामा की यात्रा का स्वागत करना चाहिए। ओबामा अगर कोई भी कदम भारत के हित के लिए उठाते हैं तो ये हमारे लिए अच्छा ही होगा। अमेरिका के साथ मिलकर भारत के रोजगार और बाजारीकरण को मजबूती मिल सकती है। साथ ही आंतकवाद के मामले में भी भारत अमेरिका से दो टूक बात करने को तैयार है,अमेरिका पहले ही पड़ौसी देश पाकिस्तान को आंतकवाद रोकने को लेकर चेतावनी दे चुका है। अब देखना ये हे कि भारत और अमेरिका कैसे एक-दूसरे के मामलों को समझकर सही कदम उठा पाऐंगें......
                               इंतख़ाब आलम अंसारी     

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