Friday, November 26, 2010

फैंको मगर प्यार से

चचा बतूलै बेहद खुश नजर आ रहे थे....लगता था आज उनकी सारी चिंताए दूर हो गई हों....मुझे देखते ही बोले और सुनाओ लल्ला....क्या सब चल रहा है....आजकल किसकी मां-बहन एक करने जा रहे हो....क्या मतलब चचा....अरे...तुम मीडिया वाले मतलब बहुत पूछते हो.....हैं......एक तो तुमने अपने चारा छाप पहलवान को हरवा दिया उपर से मतलब हमसे पूछ रहे हो.....लेकिन मैं समझा नहीं चचा क्या बक रहे हो....अब फैंकने की बारी चचा की थी....अबे सुना है लालू बहुत टेंशन में चल रहा है....उसने नितिश से वादा किया था कि उनकी मेहरारु यानि पूज्यनिय भाभी रबड़ी मलाई....मेरा मतलब है...राबड़ी देवी..को अगर हरा दिया तो वो उसकी टांग के नीचे से निकल जाएंगें...अब उन्हे लग रिया है...कि जनता को नितिश ने क्या पाठ पढ़ा दिया....जो उनकी मां-बहन एक हो गई.....वो तो अब तक जनता को उल्लू बना रहे थे इस बार जनता ने उन्हे उल्लू बना दिया.....पर चचा...तुम तो.....अबे पके हुए अमरुद....मैं क्या...मैं तो पैलेई कै रिया था....और तुम मीडिया वालों ने भी तो.....अरे चचा हमारा काम है...जनता को जागरुक करना.....हमने पहले ही बतला दिया था कि इस बार लालू एंड कंपनी की......समझ गया....चचा चिल्लाए....मैं भी तो कै रिया था पर मेरी कोई सुने तब न....अरे चचा....तुम सबको अपनी ही तो सुनाते रहते हो किसी की सुनते भी हो.....चचा ने धमाका छाप तंबाकू मुंह में डालते हुए कहा....हैं...में तो कै रिया हूं....जनता अब समझदार हो गई है.....सोच समझ के ही वोट देती है....चचा अब लाइन पर थे....कि मैने उन्हे छेड़ डाला.....पर चचा सुना है...तुमको भी मुहल्ले से निकाले जाने की बात चल रही है....लोगों का कहना है कि चचा शरद पवार की तरह खूब पकाते हैं....अबे हमें कौन माई का लाल मुहल्ले से निकाल सकता है....है किसी में इतना दम....हैं...हे चचा जनता में है जब जनता जागती है तो तुम जैसों की हवा बंद हो जाती है.........हैं......जब जनता का दिमाग फिरता है तो उसे सामने कोई भी हो नजर नहीं आता....समझे....हैं.....बैग उठाकर में तो चलता बना.....