Saturday, December 11, 2010

काबिलियत...

जल्दी करो.....प्राइम टाईम में ही ये स्टोरी चलनी चाहिए...एडीटर ने जोर देते हुए कहा....कैप्चर कर रहे...टोनी पर रनडाउन प्राडयूसर चिल्लाया...अबे जल्दी कर.. वहां बैठकर क्या....गाना गा रहा है....बस सर दो मिनट..अबे दो मिनट के बच्चे मेरी नौकरी खाएगा क्या...साले अगर मेरी नौकरी पर आंच आई तो समझ ले तू गया...टीक है सर बस हो गया.....शाम को बैचेनी की हालत में घर लौटा टोनी....साली क्या नौकरी है बिल्कुल चूतिया टाइप...काम भी करो और गाली भी खाओ....रात को बिस्तर पर भी दिमाग में आफिस की बातें याद आ रही थीं....
      हाय जल्दी...हाय जल्दी...रोज रोज की जल्दी से उकता गया टोनी....उसे लगने लगा कि आखिर कब तक ये सब चलता रहेगा....सब्र करने की भी हद होती है...उसे न जाने क्यों आज नींद नहीं आ रही थी....रोजाना तो उसे बिस्तर पर लेटते ही नींद आ जाती है पर आज....नींद का नाता जैसे उससे टूट गया था....पुराने ख़्यालों में खो गया टोनी...
       अरे झा साहब कैसे हैं आप....और सुनाईये क्या सब चल रहा है.... बस सर दुआऐं हैं आपकी.....आजकल तो मीडिया में छा गए हो....बस सर ये सब आप जैसों के साथ का असर है.....सर आजकल टोनी क्या कर रहा है....वही मेडिकल की तैयारी....सर अगर आप चाहें तो उसे मीडिया कोर्स करवा सकते हैं.....फ्यूचर बड़ा ही ब्राईट है आने वाले टाइम में....
     काश पापा को झा साहब ने सलाह न दी होती...तो में आज इस गंदगी से बच जाता....कुछ दिन और तैयारी कर लेता तो शायद आज डाक्टर बन गया होता पर....
सारी रात टोनी के दिमाग में टेंशन चलती रही....छोड़ दूंगा में ये सब....इससे अच्छा है कि में कहीं टयूशन ही पढ़ाउं.....कोई बिजनेस....कई सवाल एक के बाद एक उसके दिमाग में कौंध रहे थे....अब अगर किसी ने कुछ कह दिया तो साले की मां-बहन एक कर दूंगा....गुस्से से भर उठा....टोनी....
     अरे टोनी क्या बात है....कुछ हुआ क्या ....नहीं यार....बता तो सही...बस यार...रहने दे....फिर कभी बताउंगा.....
     अरे टोनी इसे फटाफट कैप्चर कर दे मुझे स्टोरी तैयार करनी है.....रिपोर्टर ने कहा ठीक है सर.....और सुन जरा जल्दी.....ठीक है....साले सब के सब को जल्दी.... ये साले पैदा होते वक्त भी कह रहे होंगे जल्दी....घोंचू कहीं के.....तभी रनडाउन प्राडयूसर ने कहा...टोनी एक काम कर जल्दी से ये टेप कैप्चर कर दे...सर वो रिपोर्टर ने.....अबे पहले मेरा काम कर समझे....
    अरे हुआ कैप्चर....रिपोर्टर आकाश ने लगभग चिल्लाते हुए कहा.....नहीं सर वो...वो क्या....साला यहां बैठकर क्या करते हो.....प्राइम टाइम में स्टोरी चलनी है...और तुमने अभी तक कैप्चर तक नहीं किया.....
अबे....चुप कर मादरचो......साले तेरे बाप का नौकर हूं क्या.....मशीन हूं में....चार हाथ हैं मेरे....साले जिसको देखो जल्दी...जल्दी...और तू कौन होता है मुझे हड़काने वाला....साले.... तेरे बारे में सब जानता हूं में.....सिफारिश से टिका है तू यहां.....वरना तेरी कोई औकात नहीं......दिनभर गाड़ी में सोते हो....टांसफर लाके देते हो.....फिर कहते हो जल्दी कर....क्या हुआ.....रनडाउन प्राडयूसर ने कहा....सर ये.....रिपोर्टर ने कहा....अबे चल तू निकल यहां से साले तू कल मेरी नौकरी खाने की बात कर रहा था ना....अब देखना कौन किसकी नौकरी खाता है.....
         अगले ही दिन......सर ये मेरी रिजाईन लेटर.....पर टोनी क्या हुआ बस सर बहुत हो गया .....चैन से जीना चाहता हूं में......काश मेरे पापा को.....पूरी बात एडीटर को बता दी टोनी ने.....
    अगले दिन टोनी....असाइंनमेंट पर बैठा था.....और रनडाउन प्राडयूसर.....पीसीआर में टीपी चला रहा था....
       
    
      
 

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