Thursday, April 21, 2011

साजिश.....


सर मैं सच कह रहा हूं इसमें मेरा कोई हाथ नहीं है.....ये सब साजिश है मेरे खिलाफ़....मैं तो सिर्फ़ बीचबचाव करने में लगा था.....झूठ बोलते हो तुम सफेद झूठ...गुस्से में चिल्ला पड़ा एडीटर....जानते हो डायरेक्टर ने तीन दिन की मोहलत दी है मुझे.....मामला क्लियर करने की....शर्म आनी चाहिए तुम्हे....ऐसा काम करते हुए....क्या ये सच नहीं है कि…. तुम....एकता और रिजवान तीनों हाई-फाई चैनल में काम करते थे....क्या ये सच नहीं है कि तुम ही एकता के बारे में रिजवान को ख़बर दिया करते थे....क्या ये सच नहीं है कि तुमने ही रिजवान को यहां बुलवाया.....कम-से-कम झूठ तो मत बोलो .महेंद्र....सर मैं....मैं कुछ नहीं सुनना चाहता तुम्हारी वजह से चैनल को कितनी बदनामी उठानी पड़ी इसका इल्म है तुम्हे.....आख़िर तुम चाहते क्या थे इस चैनल की बदनामी या फिर कुछ और.....सर मैं.....देखो मैनेजमेंट का सख़्त आर्डर है कि तुमको चैनल के आसपास फटकने भी न दिया जाऐ.....तुम मेरे ख़ास आदमी थे इसलिए मैं अब तुमसे दूरियां अख़्तियार कर लूं इसमें ही मेरी भलाई है....आखिर मैं बुढ़ापे में कहां नौकरी तलाश करुंगा....गेट आउट फ्राम हियर....
      जी सर निकाल बाहर किया है मैने महेंद्र को साला इतना हरामी है कि झूठ पे झूठ बोले जा रहा था....जी सर बिल्कुल सर....हो जाएगा सर....आप टेंशन न लें सर मैं हूं न....डायरेक्टर के सामने मिमिया रहा था एडीटर....आओ वर्मा....बैठो....यार इस हरामी महेंद्र ने चैनल की एक झटके में बदनामी करवा दी.....साला दूसरे की फटी में क्यों टांग अड़ा रहा था मुझे समझ नहीं आ रहा है.....यार मैं समझ नहीं पा रहा आख़िर मामला है क्या.....इस बारे में सर एक ही आदमी बता सकता है और वो है.....रितेश....आफ़ताब का जिगरी दोस्त....अपनी कुर्सी बचाने के लिए सच उगल देगा वो.....बुलवाइये उसे.....
      देखो सब सच-सच बता दो तुम पर भी तलवार लटक रही है....लेकिन मैं तुम्हे बचा लूंगा.....प्रामिस....सर किसी को पता नहीं चलना चाहिए कि मैने आपको सच बताया....यार विश्वास करो....बिलीव मी....टेंशन मत लो.....और फिर तोते की तरह बोलने लगा रितेश......सर महेंद्र रिजवान और एकता तीनों हाई-फाई चैनल में काम करते थे....महैंद्र वहां जोब पर था और रिजवान ट्रेनी....और एकता…. जी वो इंटर्न थी.....वो सर रिजवान को चाहती थी.....दोनों का चक्कर चलने लगा........जी सर फ़िर....महेंद्र यहां आ गया.....और रिजवान ओके चैनल में चला गया....एकता और रिजवान आपस में खुब मिला करते थे...लेकिन एक दिन एकता की बहन ने उसे बाइक पर घर छोड़ते देख लिया और उसकी काफी पिटाई कर डाली....साथ ही उसके घर से बाहर निकलने पर भी पाबंदी लगा दी.....कुछ दिनों बाद फोन पर रिजवान ने उसे किसी भी चैनल में ज्वाइन करने को कहा जिससे कि वो आपसे में खुलकर मिल सकें .....अपनी बहन से कसमें खाकर एकता ने महैंद्र से कान्टेक्ट किया और फिर महैंद्र ने उसे यहां लगवा दिया....फिर...फिर सर....एकता का हमारे यहां के एक इंटर्न आफ़ताब से चक्कर चलने लगा....दोनों साथ-साथ आने-जाने लगे....महेंद्र को ये बात नागवार गुज़री.....क्योंकि महैंद्र आफ़ताब से जलता था....और उसने रिजवान को सारी हकीकत बयां कर दी....फोन पर रिजवान को गुस्से में एकता ने काफी बुरा भला कह दिया....फिर....
       रिजवान ने एकता को समझाने की काफ़ी कोशिश की लेकिन वो नहीं मानी........अब महैंद्र और रिजवान ने आफ़ताब को सबक सिखाने का प्लान बनाया....और आफ़ताब को पीटने के लिए तैयारी शुरु कर दी....और वो इस चैनल मैं आ गया....महैंद्र ने उसे बाइज्जत गेस्ट रुम में बिठवा दिया....और फिर....आफ़ताब को किसी से मिलवाने का बहाना करके उसे चैनल से बाहर ले गया....वहां थोड़ी देर रुकने के बाद वो वापस अंदर आया और रिजवान को बाहर भेज दिया....आफ़ताब का सारा हुलिया भी बता दिया....और खुद चैनल के अंदर ही रुक गया.....रिजवान ने बाहर आते ही आफ़ताब से बहस करनी शुरु कर दी....जिस पर आफ़ताब ने उसे थप्पड़ मार दिया....गुस्से में आगबबूला होकर रिजवान वहां से चला गया....फिर क्या हुआ....
      फिर आफ़ताब ने ये सब मुझे बताया....मैं लंच के बहाने चैनल के आसपास घूम आया लेकिन रिजवान कहीं नज़र नहीं आया....कुछ देर बाद हमने सोचा कि मामला ठंडा पड़ गया है....लेकिन सड़क पर थोड़ी दूर हम जैसे ही चले रिजवान और उसके दोस्तों ने आफ़ताब पर हमला कर दिया...मैने आफ़ताब को चैनल की तरफ़ भागने को कहा...क्योंकि वहीं उसकी जान बच सकती थी....इसके बाद हम रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पंहुचे....पीछे से महैंद्र एकता और रिजवान को लेकर वहां पंहुच गए और दरोगा पर रिपोर्ट दर्ज कराने का दवाब डालने लगे....जिस पर आफ़ताब और रिजवान को लाकअप में बंद कर दिया गया.....थाने में एकता और रिजवान पुरानी बातों को लेकर कुत्ते-बिल्ली की तरह लड़ रहे थे....तब मुझे और आफ़ताब को सारा माज़रा समझ में आ गया.....सर एक बात कहूं ये सब कमीने महैंद्र का ही किया धरा है.....किसी को भी चैन से नहीं बैठने देता था वो.....खुद अपने खोदे गढ्ढे में जा गिरा.....ठीक है तुम जाओ.....ओके...सर....समझे वर्मा सारा मामला ये है....यानि मुझसे झूठ बोल रहा था कि मैं रिजवान को नहीं जानता...जी सर.....हो गया है सर क्लियर हो गया है.....तीनों को निकाल दिया गया है सर.....पूरी बात भी पता चल गई है.....ये सब महैंद्र का किया धरा था....नहीं सर चैनल की रैपो पर कोई आंच नहीं आएगी....आप टेंशन न लें सर....

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