Tuesday, November 23, 2010

औकात

अरे सुधा जल्दी करो...लेट हो जाएंगें...बस हो गया...सुधीर आज बहुत चहक रहे थे.. उनके बेटे सिद्धार्थ के स्कूल में फादर्स डे के मौके पर फंक्शन था बस उसी में सुधीर को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया गया था....सुधीर शहर की जानी मानी हस्ती थे...उन्हे भाषण देने के लिए बुलाया गया.....हाल तालियों से गूंज उठा.... वे इस मौके पर जोर शोर सो बोल रहे थे...मां-बाप हमारे भगवान होते हैं उनका सम्मान करना हमारा फर्ज है..उनकी सेवा करने से जीवन सुखी होता है और भी बहुत कुछ....तभी उनका लाड़ला बेटा सिद्धार्थ उठ खड़ा हुआ और तपाक से बोला तो फिर पापा आपने परिवार के झगड़े में दादी को ओल्ड एज होम क्यों भेजा....पूरे हाल में खा़मोशी छा गई....सुधीर को काटो तो खून नहीं....उन्हे लगा कि किसी ने बीच चौराहे पर नंगा कर दिया हो............

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