रेडियो पर गाना बज रहा था....गोली मार भेजे में...ये भेजा शोर करता है....वाकई आज की भागदौड़ वाली जि़न्दगी में किसी को भी इतनी फुर्सत नहीं कि अपने अंदर झांक कर देख सके कि मैं कर क्या रहा हूं...किसलिए कर रहा हूं....क्यों कर रहा हूं....क्या फर्क पड़ता है भाई....जैसे चल रहा है चलने दो....बात छोटी है और छोटी सी है ये लाइफ... तो फिर टेंशन किस बात की....लेकिन हां एक बात तो है कि अगर हम चाहें तो अपनी लाइफ को और ख़ूबसूरत बना सकते हैं....हम अपने तनाव को कम कर सकते हैं...थोडी सी खुशी के साथ...थोडे में खुश रहना जिसने सीख लिया समझो उसने जंग जीत ली...कोई कुछ कहता है तो कहने दो... क्योकि कुछ तो लोग कहेंगें...लोगों को काम है कहना....अगर दूसरों की बातों पर गए तो समझो गए काम से....दिल की आवाज सुनिए जनाब...दिमाग की नहीं...क्योंकि दिल की आवाज दूर तलक जाती है....
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